विवरण: अमीष सौतेले भाई-बहन निषिद्ध आनंद में लिप्त होते हैं, अपनी रूढ़िवादी परवरिश को एक जंगली रोमांस के लिए बहा देते हैं। वह उसकी सवारी करता है, फिर वह उस पर सवार होती है, दोनों परमानंद में खो जाते हैं। उनकी वर्जित इच्छा एक शक्तिशाली चरमोत्कर्ष में परिणत होती है, जो उनकी अतृप्त इच्छा का एक वसीयतनामा है।